चेन्नई से दिल्ली जा रहे किसानों को मध्य प्रदेश में ट्रेन से उतारा, अन्नदाता का अर्धनग्न प्रदर्शन

चेन्नई से दिल्ली जा रहे किसानों को मध्य प्रदेश में ट्रेन से उतारा, अन्नदाता का अर्धनग्न प्रदर्शन

नर्मदापुरम: विरोध प्रदर्शन करने के लिए तमिलनाडु के चेन्नई से नई दिल्ली जा रहे किसान संगठन के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को मंगलवार शाम को पुलिस ने नर्मदापुरम में जीटी एक्सप्रेस से उतार लिया. इसके बाद गुस्साए किसानों ने स्टेशन पर ही अर्धनग्न होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस हंगामे के बीच करीब 3 घंटे तक जीटी एक्सप्रेस स्टेशन पर ही खड़ी रही. इस कारण ट्रेन में सवार यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. ट्रेन से उतारे गए कार्यकर्ता दिल्ली जाने के लिए पुलिस से वाद विवाद करते रहे, लेकिन पुलिस ने भी सभी कार्यकर्ताओं को वापस ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया.

पुलिस अधिकारियों का कहना था कि ऊपर से मिले निर्देश के अनुसार, किसान संगठन के कार्यकर्ताओं को नर्मदापुरम में रोककर यहां अस्थाई हाल्ट देना था. इसके बाद उन्हें वापस चेन्नई भेजना था. इधर करीब रात 8 बजे सभी किसानों को पुलिस वाहनों में बैठाकर स्वयंवरम गार्डन ले गई. पुलिस के अनुसार सभी किसानों के रहने और खाने का उचित प्रबंध किया गया है.

छावनी में तब्दील हुआ स्टेशन
तमिलनाडु के 'राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन' के 200 से अधिक कार्यकर्ता सोमवार को जीटी एक्सप्रेस में विभिन्न स्टेशनों से सवार हुए थे. जो दिल्ली पहुंचकर अपनी विभिन्न मांगों के लिए आंदोलन करने वाले थे. पुलिस ने विभिन्न इनपुट और ऊपर से मिले निर्देश के अनुसार किसान संगठन को मंगलवार शाम काे स्टेशन पर रोक लिया. जिसके लिए नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन को छावनी में तब्दील किया गया है.

नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन, सीहोर, भोपाल, छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों से पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी का फोर्स बुलाया गया है. शाम 4 बजे से नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर यह फोर्स तैनात हो गया. स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही किसान संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को ट्रेन की विभिन्न बोगियों में से उतार लिया गया.

दक्षिण भारत का बड़ा संगठन
'राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन' राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी इंटरलिंकिंग किसान संघ है. जिसने तमिलनाडु में कावेरी जल मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया था. यह संगठन नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय परियोजना के विरोध में या उसमें भाग लेने वाले दक्षिण भारत के किसानों का प्रतिनिधित्व करता है.

प्रधानमंत्री को वादा याद दिलाने जा रहे
किसान संगठन के अध्यक्ष अय्या कन्नू ने बताया कि, ''हम तमिलनाडु से हैं, अपनी मांगों के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादों के लिए दो गुना लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था. धान का मूल्य अगर ₹18 प्रति किलो है, तो गेहूं का भी ₹18 होना चाहिए.' उन्होंने ₹54 देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्होंने केवल ₹24 दिए हैं. उसी तरह, गन्ने का मूल्य ₹2,700 प्रति टन है. अब उन्होंने ₹8,100 देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल ₹3,160 ही दिए हैं, इसलिए, हम चाहते हैं प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करें.

प्रधानमंत्री ने यह भी वादा किया था कि वे विदेशी देशों से आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज आयात नहीं करेंगे. अब उन्होंने आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज वितरित करने के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए हैं. परसों वह कोयंबटूर, तमिलनाडु आ रहे हैं, प्राकृतिक खाद्य उत्पादन का आयोजन करने के लिए. यह कैसे संभव है, जबकि आपने आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज दिए हैं.''

 

प्रदर्शन के लिए 600 किसान निकले थे
अय्या कन्नू ने बताया कि, ''600 से अधिक किसान आए थे. कुछ किसान तमिलनाडु एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे. अभी कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया है, यह बहुत बुरा है. लोकतंत्र में हमें कहीं भी जाने की स्वतंत्रता है. हमने रेलवे का पक्का टिकट लिया था, उसके बाद पुलिस आई और ट्रेन को रोककर हमें ट्रेन से उतार दिया, यह संविधान के खिलाफ है.'' SDM देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, हमें किसानों को रोकना का आदेश मिला था, इसलिए उन्हें ट्रेन से उतारा गया. सभी किसानों को सुरक्षित जगह पहुंचाया है, उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई है.''

6 सूत्रीय मांग लेकर जा रहे दिल्ली
-कृषि उत्पादों के लिए 2 गुना लाभदायक मूल्य निर्धारित करने
-व्यक्तिगत किसानों के लिए फसल बीमा योजना लागू करने
-सभी किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंक ऋण माफ करने
-तमिलनाडु को रेगिस्तान में बदलने से बचाने के लिए कर्नाटक में मेगदादु बांध परियोजना को रोकने
-60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों के लिए मासिक पेंशन 5000 रुपए करने
-छात्र द्वारा लिए गए सभी शैक्षिक ऋणों को माफ करने.

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