राज्य सरकार की एनओसी के बिना किडनी ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया शुरू करे अस्पताल, हाईकोर्ट का आदेश

राज्य सरकार की एनओसी के बिना किडनी ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया शुरू करे अस्पताल, हाईकोर्ट का आदेश

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा है राज्य सरकार की एनओसी के बिना याचिकाकर्ताओं के बीच किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जरी की जाए. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा ने अपने आदेश में कहा है कि मरीज मौत के बिस्तर पर है और अपनी जिन्दगी की लड़ाई लड़ रहा है. यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि काबिल स्पेशलिस्ट डॉक्टर याचिकाकर्ताओं की हेल्थ कंडीशन की जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि किडनी डोनेट की जा सकती है.

बीना निवासी श्रीमती स्वाति राय तथा बबीता पोधौ की तरफ से दायर की गई थी याचिका

बीना निवासी श्रीमती स्वाति राय तथा याचिकाकर्ता बबीता पोधौ की तरफ से दायर याचिका में किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जरी करने के न्यायिक आदेश जारी करने से राहत की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि स्वाति राय किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और उनकी पारिवारिक दोस्त बबीता पोधौ उन्हें किडनी डोनेट करने को तैयार हैं. किडनी ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति के लिए पूर्व में भी उनकी तरफ से याचिका दायर की गई थी.

 

 

जिसका निराकरण करते हुए हाईकोर्ट ने किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जरी करने के आदेश जारी किये थे. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी और हॉस्पिटल किडनी ट्रांसप्लांट के लिए याचिकाकर्ताओं के मामले पर विचार नहीं कर रहे हैं. याचिकाकर्ता स्वाति राय की हेल्थ कंडीशन दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. वह हर दिन डायलिसिस करवा रही हैं. भोपाल का एक हॉस्पिटल किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए राज़ी है. किडनी ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया को तेज किये जाने के न्यायिक आदेश जारी होने पर याचिकाकर्ता द्वारा एक जान को बचाया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा- मरीज की वर्तमान हालत को देखते हुए याचिकाकर्ताओं के बीच किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जरी की जाए

एकलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि वर्तमान हालत को देखते हुए याचिकाकर्ताओं के बीच किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जरी की जाए. इसके लिए भले ही राज्य सरकार ने एनओसी जारी नहीं की है. ऑपरेशन मुमकिन है और इससे किसी व्यक्ति की जान बच सकती है. इस मामले में तुरंत कार्रवाई की ज़रूरत है और राज्य को कोई और निर्देश लेने के लिए समय प्रदान नहीं कर सकते हैं.

हॉस्पिटल के अधिकारी किडनी ट्रांसप्लांटेशन से जुड़ी सभी फॉर्मेलिटीज़ जैसे किडनी मैचिंग वगैरह करने के लिए आज़ाद हैं. किडनी ट्रांसप्लांटेशन का ऑपरेशन पिटीशनर के रिस्क पर किया जाएगा.

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