कस चुका है प्रशासन का शिकंजा: अवैध कॉलोनियों को 15 दिन का अल्टीमेटम

कस चुका है प्रशासन का शिकंजा: अवैध कॉलोनियों को 15 दिन का अल्टीमेटम

MP News: मध्यप्रदेश में सरकार अब नगरों के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बन रही अवैध कॉलोनियों पर भी शिकंजा कसने जा रही है। नगरीय विकास विभाग अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने के लिए संशोधित नियमों के ड्राफ्ट में इसका दायरा गांवों में भी बढ़ा रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप इसमें संशोधन कर रहा है। अब नया संशोधित कानून शहरों के साथ गांवों पर भी लागू होगा। इसके लिए राजस्व विभाग ने भी सहमति दे दी है।

जल्द नियमों में संशोधन कर शासन को भेजा जाएगा। इस ड्राफ्ट में अवैध कॉलोनियों के विकास पर रोक लगाने के लिए सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। इसमें पार्षद से लेकर, बिल्डर, डेवलपर, भू-स्वामी, पुलिस और प्रशासन सभी की जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं। अवैध कॉलोनियां बनाने वालों पर जुर्माना भी 10 से बढ़ाकर 50 लाख किया जा रहा है।
 

रोक लगाने के निर्देश दिए

दरअसल, नगरीय विकास विभाग करीब डेढ़ साल से अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने के लिए कानून में संशोधन का ड्राफ्ट बना रहा है। इस बीच कई बार अफसरों के बदलने से यह काम पूरा नहीं हो सका। इसी बीच कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अफसरों को अवैध कॉलोनियों पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगरीय विकास विभाग के एसीएस संजय दुबे ने संशोधित नियमों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्र में भी करने के निर्देश दिए। बताते हैं, शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्र के अव्यवस्थित होने से शहरों पर प्रभाव पड़ रहा है।

नए नियमों में यह सख्त प्रावधान

-संशोधित बिल में पार्षद, सरपंच आदि की जिम्मेदारी तय की जा रही है। प्रावधान हैं, अवैध कॉलोनी की जानकारी मिलने पर तुरंत संबंधित निकाय अधिकारी को सूचना देनी होगी। अफसर को सूचना मिलने के 15 दिन में एफआइआर दर्ज करानी होगी।

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