मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: कर्मचारियों के इलाज की व्यवस्था शुरू

मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: कर्मचारियों के इलाज की व्यवस्था शुरू

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारी संगठनों को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने की मांग मान ली है. भोपाल के रवीन्द्र भवन में राज्य कर्मचारी संघ के अभिनंदन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि "जबरदस्ती किसी चीज को अटकाना-लटकाना यह ठीक नहीं था. 9 सालों से एचआरए अटका हुआ था. मैं तो बाहर से देखकर दुखी हो जाता था कि जबरदस्ती क्यों अटकाया हुआ है. जिनके हक की चीज है, वो उनको समय पर क्यों नहीं मिलना चाहिए. उनको समय पर देना चाहिए था."

 

ट्रांसफर नीति में भी कर्मचारियों का ध्यान रखा

कर्मचारियों को एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) और डीए (महंगाई भत्ता) दिए जाने के लिए रवीन्द्र भवन में मुख्यमंत्री का अभिनंदन समारोह किया गया. कार्यक्रम में बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के साथ कर्मचारी संघ और मजदूर संघ के पदाधिकारी मौजूद थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का ऐलान किया.

मुख्यमंत्री ने एचआरए बढ़ाए जाने के मामले में कहा कि "मैं इस मामले में थोड़ा भाग्यशाली हूं कि आप लोगों को ज्ञापन देने के लिए नहीं आना पड़ा. मैंने खुद ही इसे आगे बढ़ा दिया." मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने ट्रांसफर नीति के बारे में भी ध्यान रखा है. ट्रांसफर करेंगे, लेकिन तब, जब सबका समय आएगा. जब बच्चों की छुट्टियां हो जाएं. हम थोड़ा आने-जाने की व्यवस्था बना लें, इसलिए गर्मी की छुट्टियों का इंतजार किया."

 

पुलिस बैंड में भर्ती शुरू कराई

मोहन यादव ने कहा, "आजादी के पहले से पुलिस बैंड के पद थे, लेकिन धीरे-धीरे वह खत्म होते गए. हर जिले में यह पद खत्म होते गए. भले ही किसी की सरकार रही हो. हमने 55 जिलों में पुलिस बैंड की मंजूरी दी, क्योंकि पुलिस की परेड होती है तो उसकी गरिमा भी उस अनुपात में होनी चाहिए." मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, "2023 के संकल्प पत्र को अक्षरशः जमीन पर उतारने का काम करूंगा. इसमें कोई संदेह नहीं है."

 

कर्मचारी संघ ने रखी आयोग बनाने की मांग

इसके पहले राज्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए अपनी कई मांगों को भी सरकार के सामने रखा. कर्मचारी संघ ने कहा कि सबसे बड़ी तकलीफ है कि प्रदेश में किसी कर्मचारी को ढाई लाख का इलाज कराना पड़े तो उसे 25000 रुपए ही भुगतान किया जाता है. जबकि पिछले सालों में स्वास्थ्य के खर्चे बढ़े हैं. कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारी आयोग बनाया जाना चाहिए. कई तरह की विसंगतियां है, पद, टाइम स्केल का मामला है, इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं है.
 

0 Response to "मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: कर्मचारियों के इलाज की व्यवस्था शुरू"

Post a Comment

For any queries, feel free to contact us.

Ads on article

Advertise under the article